घर, घर नहीं रहे कदाचित सेवा की कमी हो गई इसलिए निर्जीव हो गया कहीं कोई ख़ुशी ठहरती ही नहीं प्रयास का असुर जो खुश है ससुरा, कलह फैलाता रहता है झूठ,मुठ कहता है,सच से हमको क्या मिला बताइये,निराशा क्या देगा? कहने का मतलब है,एक बार सत्य से किसी को भी अपना कर देखिये,प्रेम हो जायेगा! घर अब घर नहीं रहे। #घरनहींरहे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु #yqdidi #life #poetry