आ बना लें हम कहीं एक प्यारा आशियाँ। आ बना लें हम कहीं एक न्यारा आशियाँ। नीव के पत्थर लगाएं घोल में ऐतवार के ! प्यार की दीवार घेरे एक हमारा आशियाँ। आज पुरवाई चली है बादलों में आसमाँ! बून्द भी गिरने लगी है बादलों में आसमाँ। धूल उड़कर आँख में भरती रहेगी रात में! चाँद से मिलता गले है बादलों में आसमाँ। दरमियाँ दूरी हमारे अब कभी होगी नही। दूर हम जाने न देंगे मजबूरियाँ होगी नही। इश्क फलता ही रहेएक हमारा आशियाँ। ♥️ Challenge-940 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।