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दिल कि जमीं पे तेरा प्यार बोया हूँ, तन्हाई में तु

दिल कि जमीं पे तेरा प्यार बोया हूँ, 
तन्हाई में तुझे याद कर कई बार रोया हूँ, 
भींग जाती थी तकिया आंसुओं से, 
और तुम पूछ रही कि क्या मैं कभी तुम्हें प्यार किया हूँ !
अरे लूट गयी मेरी आबरू इश्क के बाजार में, 
अब क्या बताऊ प्यार के खातिर प्यार खोया हूँ !! शायरी #love#samrat#Purushotam
दिल कि जमीं पे तेरा प्यार बोया हूँ, 
तन्हाई में तुझे याद कर कई बार रोया हूँ, 
भींग जाती थी तकिया आंसुओं से, 
और तुम पूछ रही कि क्या मैं कभी तुम्हें प्यार किया हूँ !
अरे लूट गयी मेरी आबरू इश्क के बाजार में, 
अब क्या बताऊ प्यार के खातिर प्यार खोया हूँ !! शायरी #love#samrat#Purushotam