मेरी शामे, उन सर्द रातों में गुजर गई जिनमें तुम हुआ करती थी... ©Ashish Dungriyal मेरी शामे, उन सर्द रातों में गुजर गई जिनमें तुम हुआ करती थी... - Ashish Dungriyal