काँच भी शर्मा गया, देख तेरे हुस्न को! चंदा भी शर्मा गया ,,,देख तेरे हुस्न को तेरे हाठो की हँसी है ,कहानी मेरी तेरे यौवन की मस्ती,जिदंगानी मेरी कैसे बनाई कुदरत तश्वीर तेरी