सैंटा जैसा दिल उषाकाल दिनकर समान, खुद को तू रक्तिम नवल किया। हो भाईचारा व्याप्त जहां में, सृजित भाव यह प्रबल किया। आचरण यही समरसता का, यदि मानव प्रतिदिन स्वयं करे, यह 'सैंटा जैसा दिल' रखकर तू जैसे क्रिसमस धवल किया। अरुण शुक्ल अर्जुन प्रयागराज Pratibha Tiwari(smile)🙂 Vijaya Singh