है गिर्द ज़ेहन के जो, गर्द है मुहब्बत की जमी है दिल पे जो यादों की धूल है उसकी उसे मैं याद नहीं करता सच है, पर 'राहत' मैं उसको भूल चूका हूँ ये भूल है उसकी.. ہے گرد ذہن کے جو، گرد ہے محبت کی جمی ہے دل پہ جو یادوں کی دھول ہے اس کی اسے میں یاد نہیں کرتا سچ ہے، پر راحتؔ میں اس کو بھول چکا ہوں یہ بھول ہے اس کی ~ کلیم راحتؔ 1. गिर्द =चारो तरफ/आस-पास 2. गर्द = धूल /ख़ाक /ग़ुबार ©kalim rahat #GubareIsq#DardeDil#SadShayri#KRQuotes #Trees