जिस शैतान के बदले, बचपन में बेवज़ह, पापा से कई बार मार पड़ी थी, आज ज़रा देर क्या हुई पहुँचने में, मेरी राह में वो उदास घर से बाहर खड़ी थी। 🎀 Challenge-284 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ 🎀 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।