ना सहा था , ना सहेंगे, अगर झूठ हैं नज़रों में, उसको सच ना कभी कहेंगे। मेरा मुझ पर अधिकार हैं, बस प्यार की भाषा स्वीकार हैं, अब स्वयं स्वार्थी बनकर , स्वग्रहणधिकार करेंगे । बहुत हुआ ये गन्दा खेल , मुंह में मिश्री, पीछे जहर उड़ेल, भावनाओं के चक्रव्यूह से, अब खुद को आज़ाद करेंगे। #HappyWomensday, #poetry, #Indianproudwomen, #Netherlands, #FanofGulzaar, #Strongwomen