नदिया ही ना सुखी है सुखा है आंखों का पानी कृषि ही ना रूखी है रूखी है सकल जवानी दांव पर वर्तमान भी है भविष्य भी शून्य होगा प्रकृति से प्रेम नहीं होगा मानव तू भी नगण्य होगा संभावनाएं खुशियां विज्ञान नहीं बचेंगे साजो सामान जो ना लगाम लगेगी प्रकृति अंजाम करेगी आनेवाली नस्लें भी सब त्राहीमाम करेंगी हो सतर्क जग अब तो प्रकृति की रक्षा कर अब तो। मानव प्रकृति की रक्षा कर अब तो। #yoginarendra #cauveryissue #cauverycalling