जुड़ी हैं कितनी ही भावनाएं एक आमंत्रण से क़भी होता हैं प्रेम प्रदर्शन परिवार के प्रति क़भी होता हैं दिखावा अमीरी का गरीबी के लिए क़भी बन जाता हैं औपचारिकता का पर्याय क़भी जो नहीं मिलता आमंत्रण किसी को बन जाता हैं सम्मान का प्रश्न किसी के लिए फिर उसके हृदय में होता हैं क्रोध का नियंत्रण बढ़ जाता हैं आवेश घृणा का लेकर दुःख का आमंत्रण बन जाता हैं खुशियों का सबब किसी के लिये किसी के लिए ईर्ष्या का एक ज़रिया आमंत्रण Topic: आमंत्रण #rzमहफ़िल #rzमहफ़िल4 #restzone #yqrestzone #रागांश