हिन्दी है मातृभूमि के श्रंगार की तरह। धड़कन की तरह,प्यार के विस्तार की तरह। जब नाव राष्ट्रधर्म की संकट में घिरी हो, हिन्दी ही काम आती है पतवार की तरह। कृष्ण गोपाल विद्यार्थी ©KG V जय हिन्दी जय हिन्द #vacation