महीने भर से तरस गए बरसात के पानी को। तुम्हे पहले ही याद कर लेते तो अच्छा होता। आज तुम्हारी याद आई तो मौसम बदल गया! कुछ देर बात क्या करली पानी ही बरस गया। पढ़ लेना अख़बार या न्यूज़ में सुन लेना कल! मुर्झाये खेतों का चेहरा फूल जैसा खिल गया। यक़ीनन मेघों से इस माह में अमृत बरसता है। तभी तो मर चुके पौधों को जीवन मिल गया। मेरा प्यार सच्चा है और तेरा दिल अच्छा है ना, बस इसलिए ही शायद मौसम बहार कर गया। OPEN FOR COLLAB✨ #ATbridebg9 • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ Adorn this bg with your beautiful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics.