“अल्लाह ने एक ख़ास किस्म की तितली पैदा फरमाई है उस

“अल्लाह ने एक ख़ास किस्म की तितली पैदा फरमाई है उसके अंडो से रेशम के कीड़े निकलते है ये दरखतो के हरे भरे पत्तो को खाते रहते है और उनके मुंह से रेशम का बारीक और कीमती तार निकलता रहता है जिसे वह अपने बदन पर लपटेते रहते है फिर उसके तार गर्म पानी में डालते है और उसके रेशो से धागा तय्यार करके रेशम के कीमती और टोपी तय्यार करते है जो बाज़ार में भारी कीमत में बिकते है आखिर इस नन्हे से कीड़े में उम्दा रेशम तय्यार करने की सलाहियत बेशक ये अल्लाह की कुदरत है”
[हवाला•अल्लाह की कुदरत]
#फ़कीर मुआविया जफर गजाली रज़वी #Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì
“अल्लाह ने एक ख़ास किस्म की तितली पैदा फरमाई है उसके अंडो से रेशम के कीड़े निकलते है ये दरखतो के हरे भरे पत्तो को खाते रहते है और उनके मुंह से रेशम का बारीक और कीमती तार निकलता रहता है जिसे वह अपने बदन पर लपटेते रहते है फिर उसके तार गर्म पानी में डालते है और उसके रेशो से धागा तय्यार करके रेशम के कीमती और टोपी तय्यार करते है जो बाज़ार में भारी कीमत में बिकते है आखिर इस नन्हे से कीड़े में उम्दा रेशम तय्यार करने की सलाहियत बेशक ये अल्लाह की कुदरत है”
[हवाला•अल्लाह की कुदरत]
#फ़कीर मुआविया जफर गजाली रज़वी #Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì