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*चक्की के दो पाटों में,* *एक स्थिर और दूसरा गतिमान

*चक्की के दो पाटों में,*
*एक स्थिर और दूसरा गतिमान हो,*
*तभी अनाज पिस सकता है।*


*इसी प्रकार मनुष्य में भी दो पाट होते हैं.* 
*एक मन, और दूसरा शरीर*
*यदि मन स्थिर और शरीर गतिमान रहे.*
*तभी सफल व्यक्तित्व संभव है।*

            *सुप्रभात*
*आपका दिन मंगलमय हो*

©KRISHNA
  #addiction
shankarlal2621

KRISHNA

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