दर्द है गहन बहुत, रक्त रंजित है धरा आँसुओं से आँख नम, दिल है सिसक रहा। चक्र सुदर्शन आप अपना अब चलाइए मानवता का नित हश्र है हो रहा।। *मुक्तक / रंजना वर्मा Greetings from Kautukii.. collab your original couplet with the couplet of - ~रंजना वर्मा ❇Highlight the quote first. ❇Collab on the Quotes of kautukii. ❇write a 4 liner original composition/ couplet ,purely in hindi,No plagiarism please. ❇ write 'Done' in the comment section and also