Nojoto: Largest Storytelling Platform

क़यामत के कुछ ऐसे भी दिन आये धीरे धीरे सब अपने बेगा

क़यामत के कुछ ऐसे भी दिन आये
धीरे धीरे सब अपने बेगाने हो गए
स्वार्थ भरी जिंदगी मे कोई अपने ना रहे
क़यामत कुछ बढ़ गई इस क़दर
हमराही भी अब अपने राह पर हो गए
बस एक ही मन्नत है उससे
ऐसा करिश्मा करना ए खुदा,
 बेगाने भी रिश्ता बनाने का बहाना ढूंढे

राजोतिया भुवनेश

©Rajotiya Bhuwnesh jangir क़यामत के दिन
क़यामत के कुछ ऐसे भी दिन आये
धीरे धीरे सब अपने बेगाने हो गए
स्वार्थ भरी जिंदगी मे कोई अपने ना रहे
क़यामत कुछ बढ़ गई इस क़दर
हमराही भी अब अपने राह पर हो गए
बस एक ही मन्नत है उससे
ऐसा करिश्मा करना ए खुदा,
 बेगाने भी रिश्ता बनाने का बहाना ढूंढे

राजोतिया भुवनेश

©Rajotiya Bhuwnesh jangir क़यामत के दिन

क़यामत के दिन #कविता