एक हम हैं जो सब को मनाने में लगे हैं और लोग हैं जो हम को सताने में लगे है जब से जवानी आई ये हाल हमारा है घर छोड़ दिया हमने और कमाने में लगे हैं प्यार भी हमने किया बेवफा भी हम कहलाए अब हम बेवफाई का दाग मिटाने में लगे हैं जी तोड़ किए मेहनत फिर पहुंचे तरक्की पर फिर भी कुछ लोग हम को गिराने में लगे हैं जब से आए हैं जहां मैं मौत पीछे ही पड़ी है यह भूल कर के हम जिंदगी बनाने में लगे हैं भाई भी मेरा घर पर बहन भी है मेरी घर पर हम दूर रहकर भी सब को निभाने में लगे हैं नादान हूं ठोकर से गिर जाती हूं कहीं भी मां-बाप मेरे हर दम उठाने में लगे हैं दिल टूटा जिगर छलनी जिंदगी बेरंग हुई मुस्कान तुमको शायरी सुनाने में लगे हैं @muskansingh_official_ ©Muskan Singh जब से आए हैं जहां मैं मौत पीछे ही पड़ी है यह भूल कर के हम जिंदगी बनाने में लगे है # मुस्कान सिंह📖✍🏻 #girl #sadline