Unsplash ख्वाहिशें यूं आज़ाद हुईं हैं । बंदिशें सब बरबाद हुईं हैं । पंख परिंदें ने खोले जब, परवाज़ें आबाद हुईं हैं । जो मेरे संग होनी थीं वो, बातें मेरे बाद हुईं हैं । जब ग़म-ग़म न लगे तब समझो, जिंदगियां अब शाद हुईं हैं । इश्क की आबो- हवा में रहकर, ख़ूब ग़ज़ल नौशाद हुईं हैं । ©Lakhnavi shayar 2.O #snow #nojohindi #शायरी #कविता