अपना साथ तो बस एक वादा है,कभी पूरा कभी आधा है कभी ना मिले तो मीरा है,मिल जाए कभी तो राधा है पाना ही कहाँ बस मकसद है,कभी खोने का मज़ा भी ज्यादा है ये प्रीत है शतरंज का खेल नहीं,यहां ना वज़ीर कोई, ना कोई प्यादा है... Challenge-172 #collabwithकोराकाग़ज़ आज के इस प्यारे से कोलाब का नाम है "तेरा मेरा साथ" जो दो लेखकों को मिलकर करना है। बस एक छोटी सी शर्त है और वो यह की एक लेखक पुरुष और दूसरा लेखक महिला होना चाहिए। चाहें जैसे भी लिखो और चाहें जितने कोलाब करो परन्तु काॅमेंट अंतिम लेखक ही करेगा। कृपया वालपेपर की ख़ूबसूरती बरकरार रखें। काॅमेंट ऐसे करना हैं-- तेरा मेरा साथ 1- 2-