होंठो पे अपने होंठ रख दूँ आ तुझे मैं प्यार कर लू। साँसों में साँसें घुल जाने दे बाँहों में बाहें मिल जाने दे। दो जिस्म हम, जान एक है इरादे मेरे आज नहीं नेक है। आग लग रही है, तन-बदन में जल रही हूँ मैं प्रेम अगन में। लबों पे अपने लब रख दूँ आ तुझे मैं प्यार कर लू। एक दूजे में खो जाने दे मुझको तेरा हो जाने दे। आग लग रही है, तन और मन में सुलग रही हूँ मैं, बरसते सावन में।। चलो ना पूरी तरह बहक जाते है ताक़त आज अपनी आज़्माते है। ©mau jha romantic poetry