मेरी 'शायरी' पढ़कर नींद नहीं आई ... ऐसा कह रही है वो कभी नजरें झुकाकर तो कभी नजरें मिलाकर मुझे 'बहका' रही है वो... ऐसे कैसे आ जाऊं ... उनकी मीठी-मीठी बातों में सबको पता है मुझे 'चूना' लगा रही है वो ©Saket Arya Veer #saketaryaveer #Poetry #feelings #shayari मेरी 'शायरी' पढ़कर नींद नहीं आई ... ऐसा कह रही है वो कभी नजरें झुकाकर तो कभी नजरें मिलाकर मुझे 'बहका' रही है वो... ऐसे कैसे आ जाऊं ... उनकी मीठी-मीठी बातों में सबको पता है मुझे 'चूना' लगा रही है वो