मैं आजतक हर रिश्ते को... दिल से निभाया है.... बस आजतक मुझे हर रिश्ते से.. यहीं उम्मीद थी और है.. मेरा आत्मसम्मन और भावनाओं को.. ठेस ना पहुंचाए..कोई.. मगर आजतक बस.. यहीं हुआ हर रिश्ते में.. सब है मेरे लिए.. पर कोई नहीं मेरे लिए! यहीं है मेरी पहचान...शायद.. क्योँकि स्वाभिमानी हूँ ना...... इसलिए शायद......... #helpinghands #covid19india #situvations आज कुछ ऐसा हुआ.. किसी को मदद की जरुरत थी.. मैं कुछ नहीं कर पाई..... आज सड़क पर एक दादा बैठे हुए थे...