क्या है मुक़द्दर मे लिखा ये पता लगाने में पूरी उम्र निकल गई इश्क़ औ मयख़ाने में पढ़ने - लिखने का शौक़ कहाँ है मुझे तेरे दीदार को चला आता हूँ कुतुबख़ाने में गिरगिट सी बदलती है दुनिया सफ़र में खो न जाये कहीं तू भी आशियानें में नस्ल, जात, कौम जुदा-जुदा पर न्याय देख मौत कब देखती हैं ये जमी पर सुलाने में एतबार नहीं "वरुण" पर तो करना भी मत अब तो बातें झूठी हो जाती है तुझे बताने में ©वरुण " विमला " " ग़ज़ल - इश्क़ और मयख़ाने में " #ग़ज़ल #gazal #nojoto #nojotogazal #hindi #nojotohindi #love #NojotoNews #quotes #nojotoshayari #शेर ALOK Sharma