सब कुछ जानकार भी बनी अनजान एक लड़की मेरे सपनो मे आती है बनकर ख्वाब एक लड़की और अफसोस ये की उसे मेरे इश्क की हद नही मालूम बैठती है बगल में है मेरे हां वो पागल सी एक लड़की!! देखता हूं उसे और सब कुछ भूल जाता हूं मैं उसके साथ ख्वाबों में हां अक्सर घूम आता हूं और जिस दिन नही होते मुझे दीदार उसके उसकी तस्वीर को यारो मैं उस दिन चूम लेता हूं!! सिलसिला ये एक तरफा मोहब्बत का जबरदस्त होता है उसके ख्वाब में आशिक हमेशा व्यस्त होता है ना किसी से कोई उम्मीद ना ही कोई अरमान है उसके वो तन्हा भी रहे तो क्या वो एकदम मस्त होता है!! कवि : इंद्रेश द्विवेदी (पंकज) ©Indresh Dwivedi #pls_like_comment_and_share #pls_follow_me_on_nojoto #ishq