अफ़साना लिखा मेने एक अफसाना जिसमें मैंने खुद को ही न पहचाना जरा कोई मुझे ये एक बात तो बताना ये है एक बहाना या है कोई खजाना क्या भरना होगा मुझे इसका भी कोई हरजाना #अफसाना #afsaana