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राहें साथी रही है मेरी मंज़िल की रुकने नहीं दिया

राहें साथी रही है मेरी मंज़िल की 
रुकने नहीं दिया हौसला अफजाई ही की है 
चुभा कोई कांटा पैरों में कभी 
तो फूलों से बिछने की आजमाइश ही की है 
धूप तो छू ही नहीं पाई मुझको 
राहों ने खुद तपकर उसकी भरपाई ही की है 
राहें साथी रही है ....................... #invoice
राहें साथी रही है मेरी मंज़िल की 
रुकने नहीं दिया हौसला अफजाई ही की है 
चुभा कोई कांटा पैरों में कभी 
तो फूलों से बिछने की आजमाइश ही की है 
धूप तो छू ही नहीं पाई मुझको 
राहों ने खुद तपकर उसकी भरपाई ही की है 
राहें साथी रही है ....................... #invoice
shubhanjali7928

Shubhanjali

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