आदत ऐ कलम! जरा रूक - रूक के चल ... क्या गजब का मकाम आया है !..... थोड़ी देर ठहर जा उसे दर्द न हो ... तेरी ' नोक ' के नीचे मेरे प्यार का नाम आया है ...!! राज ✍Rj✍ ishq ki mahak, rj