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रोक नहीं पाओगे ख़ुद को डूबने से इन आंखों में डूब ग

रोक नहीं पाओगे ख़ुद को डूबने से इन आंखों में
डूब गए तो बाहर ना आना चाहोगे
प्यारे अल्फ़ाज़ो के जल में जो घुल जायेंगें ऐसे की बस समाते जाओगे 
उस चासनी में, उस मीठे से प्यार में
समेट लेगी कशिश तुमको ऐसे 
की बस लगन लगेगी मोहब्बत की ऐसी
ना कभी दूर हो पाओगे 
सोचोगे तब भी अपना दिल समझा ना पाओगे

©Dr  Supreet Singh
  #मोहिनी