हर मर्ज से वाक़िफ़ हर कोई होता नहीं।। बिना तज़रबे के तज़रबेकार हर कोई होता नहीं।। दर्द सहने का हम में हौसला तो बहुत था मगर तुम ने जो दर्द दिया, उससे वाकिफ ना थे... डॉ नीरु जैन #YourQuoteAndMine