रिश्तें और आशाएँ खूबसूरत हर वो लम्हा था जब मैं तन्हा अकेला था न उम्मीद किसी से न लगाव था ये सब बकवास है ऐसा कहना था साथ अपनो का अनमोल होता है उम्मीद अपनो से नही लगाव होता है यूँ तो अकेले रहने की ख़्वाहिश रखते है लोग प्यार से हाल पूछ लो तो हर कोई रो देता है फिर किस दिखावे में कैसे जी लेते हैं क्या करे कुछ लोगों को अपने भी छोड़ देते हैं गलतफहमियाँ अक्सर बाजी जीत जाती है जो समझ ले इसको वो अपनो से दूर नही होते हैं ।। #december 17