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डर डर सा लगता है अब सब अंधेरी गलियों को.. दुष्कर्म

डर डर सा लगता है अब सब अंधेरी गलियों को..
दुष्कर्म का मौका कहीं न मिल जाये फरेबियों को..

फूलों को खतरा होता है वो बीते जमाने की बात थी..
अब तो खतरा है जहाँ में नन्हीं मासूम कलियों को..

दरिया से है एहसास अपनी मौजूदगी का कश्तियों में..
दरिया ही है जो डूबाता है अक्सर सब कश्तियों को..

उसकी ज़ुल्फ़ों के साये ज़िन्दगी में अंधेरा करने वाले थे..
मैंने पहले ही इत्तेलाह कर दिया इसलिए जंगनुयों को..

इश्क़ का बन के एक ज़रिया फूलों ने इतने दिल तोड़े..
अब ख्वाइश नहीं होती उन पर बैठने की तितलियों को.. #Nojotoludhiana #nojotohindi #hindipoetry #shayari #quotes #justice
डर डर सा लगता है अब सब अंधेरी गलियों को..
दुष्कर्म का मौका कहीं न मिल जाये फरेबियों को..

फूलों को खतरा होता है वो बीते जमाने की बात थी..
अब तो खतरा है जहाँ में नन्हीं मासूम कलियों को..

दरिया से है एहसास अपनी मौजूदगी का कश्तियों में..
दरिया ही है जो डूबाता है अक्सर सब कश्तियों को..

उसकी ज़ुल्फ़ों के साये ज़िन्दगी में अंधेरा करने वाले थे..
मैंने पहले ही इत्तेलाह कर दिया इसलिए जंगनुयों को..

इश्क़ का बन के एक ज़रिया फूलों ने इतने दिल तोड़े..
अब ख्वाइश नहीं होती उन पर बैठने की तितलियों को.. #Nojotoludhiana #nojotohindi #hindipoetry #shayari #quotes #justice