कलम जब जब उठेगी मेरी, तब- तब राणा की जवानी लिखेगी, चिनवा दिया जिनको दीवारों में, उन शहज़ादों की कहानी लिखेगी, छिप गए जो इतिहास के पन्नों में, उन वीरों की बलिदानी लिखेगी। अमर गौरव गाथा का गुनगान करेगी, हर युग में सत्य का अनुष्ठान करेगी, कलम जब जब उठेगी मेरी, तब तब मां भारती के लालों का जसगान करेगी। "एहसास"🇮🇳 कलम जब जब उठेगी मेरी, तब- तब राणा की जवानी लिखेगी, चिनवा दिया जिनको दीवारों में, उन शहज़ादों की कहानी लिखेगी, छिप गए जो इतिहास के पन्नों में, उन वीरों की बलिदानी लिखेगी। अमर गौरव गाथा का गुनगान करेगी, हर युग में सत्य का अनुष्ठान करेगी,