हाँ मानव हूँ मानव मैं कहलाता हूँ नित नव रूप धारण करता हूँ आज अति उत्साही कल थका हारा मैं लगता हूँ कभी मैं पर्वत चढ़ता कभी खाई से घबराता हूँ मानव हूँ मैं नित नये आश्चर्य पैदा करता हूँ पर्वत काट राह बनाता या राह न पा दम तोड़ता हूँ स्वावलंबी बन तेज़ दौड़ता कभी क़दम पीछे खींचता हूँ मानव हूँ मैं ईश्वर की कृति कहलाता हूँ पूर्ण नहीं कोई कहीं जीत नहीं सदैव मिलती यही बात बताता हूँ अपने रूप में निराकार का आकार दिखाता मानव हूँ मैं ईश की सृष्टि चलाता हूँ! 🌹 #mनिर्झरा #rzmph #rzmph107 #yqdidi #bestyqhindiquotes #yqlife #yqthoughts #motivation 56/365 13/01/2021