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माँ.. Dedicating a #testimonial to Priti Mehra मेर

माँ.. Dedicating a #testimonial to Priti Mehra मेरी प्यारीईईईईईईईईईई माँ..आज मन ,हृदय रोम रोम मेरा बहुत बहुत बहुत आनंदित है.. हम अपनी खुशी व्यक्त नही कर पा रहें हैं..


मातृ देवो भवः
​इस वाक्य को तो सभी जानते ही होंगे.. और इसके अर्थ को भी समझते होंगे..।वास्तव मे माँ का अर्थ क्या है... माँँ क्या है कोई सही शाब्दिक उल्लेख नही कर सकता.. क्यों,,, क्योंकि उल्लेख उस चीज का होता है.. जो सीमित अवस्था मे हो और माँ तो असीमित,असीम,अनंत हैं..माँ ने तो ईश्वर तक को जन्म दिया है.. और जब ईश्वर स्वयं माँ को परिभाषित नही कर सकें फिर हम सभी तो इंसान हैं..। हम तो कोई विद्वान नही लेकिन अपनी समझ से माँँ का अर्थ हमने यह लिया है.. कि जो भी किसी को अपना बच्चा समझकर स्वयं मे धारण करे..फिर वो गर्भ हो या..मन..अथवा हृदय,,,वो माँ है.. जैसे धरती जिसे हम माँँ कहतें हैं जिन्होंने हमें सदा से धारण कर रखा है..
​माँ का एक रूप हो तो कुछ कहा भी जा सके.. किंतु माँ तो हर क्षण नये रूप मे होती हैं.. कभी गुरू, कभी मित्र, कभी वैद्य..और ना जाने कितने ही स्वरूप..। माँ ही तो एक है.. जो इन सब रूपों मे भी बँटकर एक रहती है व अपनी जिम्मेदारियों को भँली प्रकार निभाती हैं..।
​ऐसी ही हैं मेरी भी माँ..जिन्होंने हमे अपने अंतः मे बसाया है..। अपने प्रेम के आँचल मे लपेट कर अपनी ममता से मेरा माथा सहलाया ..जिन्होंने कभी अकेले नही छोड़ा हमे..ऐसा कोई दिन नही गया जब उन्होंने स्वयं अपने व्यस्त होने पर भी मेरा हाल नही जाना..खुद की प्रारंभिक जिम्मेदारियों के बीच भी माँँ ने हमे हमेशा अपने हृदय मे संभाल कर रखा है.. माँँ वैसे तो आपके लिए बहुत है लिखने को कहने को..और जब भी आपके लिए लिखते हैं तो आँख से बहे आँसू ही आपकी ममता को व्यक्त करते हैं.. होंठ तो कुछ बोल ही नही पाते कभी..।। आपने जो हमें अपना ममत्व भरा स्नेह दिया है माँ वो वरदान है कान्हा का..आपकी आँख मे हम आँसू नही देख सकते माँ..इसलिए यह पढ़ने के बाद आप भावुक हो आँखें नम मत कीजिएगा.. आपके लिए मेरे हृदय मे असीम प्रेम है माँ..हम जब भी रोये आप भी साथ रोयी..हम भले कुछ न कहें पर आप बिन कहे मेरा हर दुःख समझ लिया..
​माँ यह सौभाग्य इस जन्म मिला..है.. कान्हा आगे भी यह सौभाग्य अगले जन्म भी दे कि आप माँ हों  हमारी..।।
माँ.. Dedicating a #testimonial to Priti Mehra मेरी प्यारीईईईईईईईईईई माँ..आज मन ,हृदय रोम रोम मेरा बहुत बहुत बहुत आनंदित है.. हम अपनी खुशी व्यक्त नही कर पा रहें हैं..


मातृ देवो भवः
​इस वाक्य को तो सभी जानते ही होंगे.. और इसके अर्थ को भी समझते होंगे..।वास्तव मे माँ का अर्थ क्या है... माँँ क्या है कोई सही शाब्दिक उल्लेख नही कर सकता.. क्यों,,, क्योंकि उल्लेख उस चीज का होता है.. जो सीमित अवस्था मे हो और माँ तो असीमित,असीम,अनंत हैं..माँ ने तो ईश्वर तक को जन्म दिया है.. और जब ईश्वर स्वयं माँ को परिभाषित नही कर सकें फिर हम सभी तो इंसान हैं..। हम तो कोई विद्वान नही लेकिन अपनी समझ से माँँ का अर्थ हमने यह लिया है.. कि जो भी किसी को अपना बच्चा समझकर स्वयं मे धारण करे..फिर वो गर्भ हो या..मन..अथवा हृदय,,,वो माँ है.. जैसे धरती जिसे हम माँँ कहतें हैं जिन्होंने हमें सदा से धारण कर रखा है..
​माँ का एक रूप हो तो कुछ कहा भी जा सके.. किंतु माँ तो हर क्षण नये रूप मे होती हैं.. कभी गुरू, कभी मित्र, कभी वैद्य..और ना जाने कितने ही स्वरूप..। माँ ही तो एक है.. जो इन सब रूपों मे भी बँटकर एक रहती है व अपनी जिम्मेदारियों को भँली प्रकार निभाती हैं..।
​ऐसी ही हैं मेरी भी माँ..जिन्होंने हमे अपने अंतः मे बसाया है..। अपने प्रेम के आँचल मे लपेट कर अपनी ममता से मेरा माथा सहलाया ..जिन्होंने कभी अकेले नही छोड़ा हमे..ऐसा कोई दिन नही गया जब उन्होंने स्वयं अपने व्यस्त होने पर भी मेरा हाल नही जाना..खुद की प्रारंभिक जिम्मेदारियों के बीच भी माँँ ने हमे हमेशा अपने हृदय मे संभाल कर रखा है.. माँँ वैसे तो आपके लिए बहुत है लिखने को कहने को..और जब भी आपके लिए लिखते हैं तो आँख से बहे आँसू ही आपकी ममता को व्यक्त करते हैं.. होंठ तो कुछ बोल ही नही पाते कभी..।। आपने जो हमें अपना ममत्व भरा स्नेह दिया है माँ वो वरदान है कान्हा का..आपकी आँख मे हम आँसू नही देख सकते माँ..इसलिए यह पढ़ने के बाद आप भावुक हो आँखें नम मत कीजिएगा.. आपके लिए मेरे हृदय मे असीम प्रेम है माँ..हम जब भी रोये आप भी साथ रोयी..हम भले कुछ न कहें पर आप बिन कहे मेरा हर दुःख समझ लिया..
​माँ यह सौभाग्य इस जन्म मिला..है.. कान्हा आगे भी यह सौभाग्य अगले जन्म भी दे कि आप माँ हों  हमारी..।।
akalfaaz9449

AK__Alfaaz..

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Dedicating a #testimonial to Priti Mehra मेरी प्यारीईईईईईईईईईई माँ..आज मन ,हृदय रोम रोम मेरा बहुत बहुत बहुत आनंदित है.. हम अपनी खुशी व्यक्त नही कर पा रहें हैं.. मातृ देवो भवः ​इस वाक्य को तो सभी जानते ही होंगे.. और इसके अर्थ को भी समझते होंगे..।वास्तव मे माँ का अर्थ क्या है... माँँ क्या है कोई सही शाब्दिक उल्लेख नही कर सकता.. क्यों,,, क्योंकि उल्लेख उस चीज का होता है.. जो सीमित अवस्था मे हो और माँ तो असीमित,असीम,अनंत हैं..माँ ने तो ईश्वर तक को जन्म दिया है.. और जब ईश्वर स्वयं माँ को परिभाषित नही कर सकें फिर हम सभी तो इंसान हैं..। हम तो कोई विद्वान नही लेकिन अपनी समझ से माँँ का अर्थ हमने यह लिया है.. कि जो भी किसी को अपना बच्चा समझकर स्वयं मे धारण करे..फिर वो गर्भ हो या..मन..अथवा हृदय,,,वो माँ है.. जैसे धरती जिसे हम माँँ कहतें हैं जिन्होंने हमें सदा से धारण कर रखा है.. ​माँ का एक रूप हो तो कुछ कहा भी जा सके.. किंतु माँ तो हर क्षण नये रूप मे होती हैं.. कभी गुरू, कभी मित्र, कभी वैद्य..और ना जाने कितने ही स्वरूप..। माँ ही तो एक है.. जो इन सब रूपों मे भी बँटकर एक रहती है व अपनी जिम्मेदारियों को भँली प्रकार निभाती हैं..। ​ऐसी ही हैं मेरी भी माँ..जिन्होंने हमे अपने अंतः मे बसाया है..। अपने प्रेम के आँचल मे लपेट कर अपनी ममता से मेरा माथा सहलाया ..जिन्होंने कभी अकेले नही छोड़ा हमे..ऐसा कोई दिन नही गया जब उन्होंने स्वयं अपने व्यस्त होने पर भी मेरा हाल नही जाना..खुद की प्रारंभिक जिम्मेदारियों के बीच भी माँँ ने हमे हमेशा अपने हृदय मे संभाल कर रखा है.. माँँ वैसे तो आपके लिए बहुत है लिखने को कहने को..और जब भी आपके लिए लिखते हैं तो आँख से बहे आँसू ही आपकी ममता को व्यक्त करते हैं.. होंठ तो कुछ बोल ही नही पाते कभी..।। आपने जो हमें अपना ममत्व भरा स्नेह दिया है माँ वो वरदान है कान्हा का..आपकी आँख मे हम आँसू नही देख सकते माँ..इसलिए यह पढ़ने के बाद आप भावुक हो आँखें नम मत कीजिएगा.. आपके लिए मेरे हृदय मे असीम प्रेम है माँ..हम जब भी रोये आप भी साथ रोयी..हम भले कुछ न कहें पर आप बिन कहे मेरा हर दुःख समझ लिया.. ​माँ यह सौभाग्य इस जन्म मिला..है.. कान्हा आगे भी यह सौभाग्य अगले जन्म भी दे कि आप माँ हों हमारी..।। #yqdidi #yqhindi #yqquotes