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ये दिल वफ़ा की जानिब जब से हुआ है गम है, कहते हैं

ये दिल वफ़ा की जानिब जब से हुआ है गम है, 
कहते हैं बेवफ़ा ही ख़ुश रहते हैं जहां में।
अब दर्द भी नहीं है तुम दवा भी दो तो क्या है,
है वस्ल की निगाहें दर्द ए जिगर हमारा।
हिसाम Hisam Khan Lyricist....... all rights reserved
ये दिल वफ़ा की जानिब जब से हुआ है गम है, 
कहते हैं बेवफ़ा ही ख़ुश रहते हैं जहां में।
अब दर्द भी नहीं है तुम दवा भी दो तो क्या है,
है वस्ल की निगाहें दर्द ए जिगर हमारा।
हिसाम Hisam Khan Lyricist....... all rights reserved