White पल्लव की डायरी अपनेपन से दूर हुये दिल चाहतो पर साया, काया माया का है आह की आहट दिलो पर है नाजुक दिल कितना सहता है मीरा राधा थी प्रेम की दीवानी प्रीत प्यार के लिये अब कौन तड़पता है दिल से दिल की ताजपोशी हो जाये ऐसा दीवाना अब कहाँ दिखता है वेवशी में दिल अब धड़कते कितने घाव और जख्म लिये इलाज के लिये डॉक्टरों के इर्द गिर्द घूमते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #lung_cancer वेवशी में दिल अब धड़कते