Nojoto: Largest Storytelling Platform

आशीष शीश पे रख दे मां, तेरा दूध

आशीष शीश पे रख दे मां, 
                 तेरा दूध नहीं लजाऊंगा।। 
जब तक मेरे घट में प्राण रहे, 
                मैं भगवा ही लहराऊगा।। 
है कसम मुझे भारत मां की, 
               मैं पीठ नहीं दिख लाऊंगा।। 
दुश्मन की छाती पर चढ़कर, 
                मैं हिंदू राष्ट्र बनाऊंगा|...3
बलिवेदी पर गर चढ़ जाऊं, 
              मां मुझको आंचल में लेना।। 
भगवा मय मुझको करके मां, 
        मेरा कफन भी भगवा कर देना।। 
आंखों से आंसू गिरे नहीं , 
                 तू सिंह पुत्र की माता है।। 
हर जन्म में तू ही मां तू मिले , 
                बस चाह यही विधाता है।। 
माना दुख दर्द दिए होंगे , 
         अंतिम दुख का यह क्षण होगा।।                                                                              गर पूरा ना कर सका कार्य, 
       तेरे दूध के कर्ज का क्या होगा।। 
जब नाम रखा तूने अजीत , 
        हर जगह विजय आशीष दिया।। 
पग पग पर धर्म पे चलूं मातु, 
             ऐसा तूने तन वीर दिया।। 
है अंतिम चाह यही मेरी, 
            मैं हिंदू राष्ट्र बना डालू।। 
इस सत्य सनातन गौरव का , 
           इतिहास पुनः दोहरा डालू।। 
माना है डगर कठिन माता , 
          पर कीमत कुछ भी चुकाऊंगा।। 
 मां तेरा आशीर्वाद रहा , 
              तो हिंदू राष्ट्र बनाऊंगा।। 
 है चाह नहीं निज जीवन की, 
           बस धर्म का कर्ज चुकाऊंगा।। 
 जब जब भी जीवन मिला मुझे, 
              तेरा बेटा ही बन आऊंगा।।

©Ajit Trivedi
  # सनातन धर्मी हिंदू क्रांति दल

# सनातन धर्मी हिंदू क्रांति दल #कविता

587 Views