खुशहाल थी जिंदगी मेरी अब गम -ऐ- खौफ़ खा गई , शायद इसलिए दुर कर दिया मुझे जान ने मेरी, क्योंकि अब करीब मौत आ गई ।। Saurabh yaduvanshi manraj kaur