एक जुस्तजू थी,एक आरजू थी जी भर जीये तुझे,जब तक सांस चले, चाहतों की हद से भी ज्यादा किया था अपना पूरा वादा,,,,,,, रश्मे कसमे वादे वफ़ा ख्यालात बदले मौसम बदले,,,,,,, हालात बदले पर हम ना बदले एक रोज उन को सराहा था हद से भी ज्यादा,,,,,,,,