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इस बार कोई दिल में ना आया फिर एक सर्द खामोशी में ब

इस बार कोई दिल में ना आया
फिर एक सर्द खामोशी में बित गई
अजीब सा एक इंतजार है या 
जरा सा ये प्यार है
खोई हो तुम वहा किसी की बाहों में,भटकी हुई राहों में
यादों में जरा सी सिलवटे ना आई अब तक मेरे
ज़माने से ताजी तुम्हारी यादें लगती है
जब बैठता हु तन्हाई में आग के सामने
तो फिर तुम्हारी याद आने लगती है Kuch yaadon ke sahare
इस बार कोई दिल में ना आया
फिर एक सर्द खामोशी में बित गई
अजीब सा एक इंतजार है या 
जरा सा ये प्यार है
खोई हो तुम वहा किसी की बाहों में,भटकी हुई राहों में
यादों में जरा सी सिलवटे ना आई अब तक मेरे
ज़माने से ताजी तुम्हारी यादें लगती है
जब बैठता हु तन्हाई में आग के सामने
तो फिर तुम्हारी याद आने लगती है Kuch yaadon ke sahare
amankeshri1956

Aman

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