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पिछले गुरुवार एक व्यक्ति ने मेट्रो के सामने कूद कर

 पिछले गुरुवार एक व्यक्ति ने मेट्रो के सामने कूद कर आत्महत्या कर ली ! खुद को अपने परिवार के एहसास , भाव , प्रेम से इतना दूर कर दिया की अब बस आँसु ही परिवार के हिस्से छोड़ दिए ।हम चाहे कितना भी भाग ले   समस्या हमे कभी नही छोड़ सकती इसलिए उसे हल कर आगे बढ़ना ही एकमात्र विकल्प रह जाता है । भाव क्या इतने सस्ते है जो आप को आत्महत्या करते वक़्त अपनों की याद नही आती ! क्या एहसास केवल शब्द मात्र ही रह गए है बाज़ार को सजाने के लिए ! 

#भाव_शून्य_कुछ_लोग
 पिछले गुरुवार एक व्यक्ति ने मेट्रो के सामने कूद कर आत्महत्या कर ली ! खुद को अपने परिवार के एहसास , भाव , प्रेम से इतना दूर कर दिया की अब बस आँसु ही परिवार के हिस्से छोड़ दिए ।हम चाहे कितना भी भाग ले   समस्या हमे कभी नही छोड़ सकती इसलिए उसे हल कर आगे बढ़ना ही एकमात्र विकल्प रह जाता है । भाव क्या इतने सस्ते है जो आप को आत्महत्या करते वक़्त अपनों की याद नही आती ! क्या एहसास केवल शब्द मात्र ही रह गए है बाज़ार को सजाने के लिए ! 

#भाव_शून्य_कुछ_लोग

पिछले गुरुवार एक व्यक्ति ने मेट्रो के सामने कूद कर आत्महत्या कर ली ! खुद को अपने परिवार के एहसास , भाव , प्रेम से इतना दूर कर दिया की अब बस आँसु ही परिवार के हिस्से छोड़ दिए ।हम चाहे कितना भी भाग ले समस्या हमे कभी नही छोड़ सकती इसलिए उसे हल कर आगे बढ़ना ही एकमात्र विकल्प रह जाता है । भाव क्या इतने सस्ते है जो आप को आत्महत्या करते वक़्त अपनों की याद नही आती ! क्या एहसास केवल शब्द मात्र ही रह गए है बाज़ार को सजाने के लिए ! #भाव_शून्य_कुछ_लोग #Poetry