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स्मृतियों के दलदल में भावों की चिंदी चिंदी समेटत

स्मृतियों के दलदल में 
भावों की चिंदी चिंदी 
समेटता रहा हूँ खुद को 
कभी आंसुओं में बहकर 
कभी खामोशी जीकर #स्मृति #दलदल #खामोशी #hindi_poetry #quotes
स्मृतियों के दलदल में 
भावों की चिंदी चिंदी 
समेटता रहा हूँ खुद को 
कभी आंसुओं में बहकर 
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jiwansameer6702

Jiwan Sameer

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