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ज़ेबा है तू मेरी, तुझपे मैं अपनी जां निसार कर दूँ,

ज़ेबा है तू मेरी, तुझपे मैं अपनी जां निसार कर दूँ,
आ बैठ तू मेरे पास, तुझे एक टक मैं देखता रहूँ।
तेरे रू-ब-रू मैं होकर, अपना हाल-ए-दिल मैं बयां कर दूँ,
तेरे दिल में बस जाऊँ मैं, तुझे अपने दिल में शामिल मैं कर दूँ।
 ***उम्दगी-उत्तमता
***सेवाबंदगी- पूजा

🌻लेखन संगी🌻

//ज़ेबा//

"तिरे रूप के ख़ालीस उजाले को यूँ  अपनी बंदगी की फ़ज़ा दूँ,
ज़ेबा है तू मेरी, तुझपे मैं अपनी जां निसार कर दूँ,
आ बैठ तू मेरे पास, तुझे एक टक मैं देखता रहूँ।
तेरे रू-ब-रू मैं होकर, अपना हाल-ए-दिल मैं बयां कर दूँ,
तेरे दिल में बस जाऊँ मैं, तुझे अपने दिल में शामिल मैं कर दूँ।
 ***उम्दगी-उत्तमता
***सेवाबंदगी- पूजा

🌻लेखन संगी🌻

//ज़ेबा//

"तिरे रूप के ख़ालीस उजाले को यूँ  अपनी बंदगी की फ़ज़ा दूँ,
poonamsuyal2290

Poonam Suyal

Bronze Star
Growing Creator