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मौसम-ए-इश्क में, बे-सहारा कर गई वो। किसी और को दे

मौसम-ए-इश्क में,
बे-सहारा कर गई वो।
किसी और को दे इशारा,
मुझे बंजारा कर गई वो।
कहती थी जुदा न होगी सातों जन्म,
ब-ख़ुदा जुदा हो गई इसी जन्म।
चाहत के वसूल सिखा के हमें,
खुद बे-वसूल हो गई वो। 
कहके हमें गवारा,
मौसम-ए-इश्क में,
बे-सहारा कर गई वो।
किसी और को दे इशारा, 
मुझे बंजारा कर गई वो।।

©Aman Sri
  रुख़्सत:- leave,discharge

बे-ज़रूरत :- without need

दर-ए-दिल :- door of heart

ग़नीमत :- मुफ्त में या बिना प्रयास मिलनेवाला धन
singeriswingerar9972

Aman Sri

New Creator

रुख़्सत:- leave,discharge बे-ज़रूरत :- without need दर-ए-दिल :- door of heart ग़नीमत :- मुफ्त में या बिना प्रयास मिलनेवाला धन #Jarurat #ruksat #ishq #mausam #कविता #NojotoWritingPrompt #Amansri #amansriquotes

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