जो परिंदों हमसे उड़ना सिखकर हाथों से ही छुट गए थे 🙂 गांव में इंतजार और यादों के साथ छोड़कर शहरों की ओर उड़ गए थे 🥺 शायद वो लौट आए.....🧐 - Rajkumar Siwachiya ✍️♠️A ©Rajkumar Siwachiya _✍️♠️✍️_ जो परिंदों हमसे उड़ना सिखकर हाथों से ही छुट गए थे 🙂 गांव में इंतजार और यादों के साथ छोड़कर शहरों की ओर उड़ गए थे 🥺 शायद वो लौट आए.....🧐