वो जो कभी रोते थे इस कांधे पे सर रख के आज ना जाने कितने कांधे उसने आजमा लिए होंगे रोती तो आज भी होगी वो अकेले में मालुम है पर अहम इतना बड़ा के लौटने के रास्ते भुला दिए होंगे ©GURPREET SINGH NIRANKARI #Road #bhuladiya