Nojoto: Largest Storytelling Platform

Jai shree ram पल्लव की डायरी डग मंगाने लगी धरा जब

Jai shree ram पल्लव की डायरी
डग मंगाने लगी धरा जब असुरो से
यज्ञ ध्यान ज्ञान पर खतरे मंडराने लगे
व्यभिचार की परिकाष्ठा हो गयी
जब बलि प्रथा की आड़ में 
नरो को अपना भोजन बनाने लगे
हुआ अवतरण तब राम का
असुरो की माया तोड़ी है
सत्य न्याय और शांति स्थापित हो
बाहु सुबाउ जैसे असुरो की कमर तोड़ी है
रामराज्य जैसी परिकल्पना
अंतिम छोर तक जाती है
एक उंगली कोई उठा दे
समाधान तक या प्रण लेकर 
आहुति देकर पूरी की जाती है
युगों युगों से लोग मिशाल देते
रामराज्य की, पर राम कौन बन पाया है
इतने द्वन्दों से जूझकर 
सत्ता और सीता का त्याग कौन कर पाया है
                                                    प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"
  #JaiShreeRam पर राम कौन बन पाया है
#nojotohindi

#JaiShreeRam पर राम कौन बन पाया है #nojotohindi #कविता

153 Views