और तो सबकुछ ठीक है लेकिन कभी कभी यूं ही, चलता फिरता सहर अचानक तन्हा सा लगता है। तुम क्या बिछड़े भूल गए रिश्तों कि सराफत हम, अब जो भी मिलता है कुछ पल ही अच्छा लगता है। है ऐसा भी एक रंग जो करता है बातें, जो इसे पहन के वो कुछ अपना सा लगता है। कहीं कहीं से हर चेहरा तुम जैसा लगता है, तुमको भूल ना पाएंगे हम ऐसा लगता है। #hindi #Shayar #shayaraash #findingyourself