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#OpenPoetry कहा तक ठहरेगी नजर कहा तक मेरा बसेरा है

#OpenPoetry कहा तक ठहरेगी नजर कहा तक मेरा बसेरा है,
खामोश सी आंखों में सिर्फ तेरा ही तेरा चहरा है।

याद करता हूँ तुझे में अब हर रात ओर दिन
मेरे दिल की दीबारो पर तेरी ही यादो का पहरा है।

चाहता हु तुम्हे इतना बताऊ भी तो कैसे 
समुंदर भी तेरी यादों से बहुत कम गहरा है।

तस्बीर तेरी अक्सर आ जाती है आंखों के सामने मेरे ,
इतना खूबसूरत सा जो तेरा सुंदर चहरा है।

तू चाहे भुला दे मुझको कितनी ही दफा,
ये मेरा दिल आज भी तेरी यादो का चेला है।

बैठे बैठे खो जाता हूं ,तेरी उन प्यारी प्यारी बातो में,
जिन बातो का तेरी ,मेरे दिल मे बसेरा है।

धड़कती हुई दिल की धड़कने याद दिलाती है तेरी,
दिल की हर धड़कनो पर नाम जो आज भी तेरा है।

कहा तक ठहरेगी नजर कहा तक मेरा बसेरा है,
खामोश सी आंखों में सिर्फ तेरा ही तेरा चहरा है। deepanshu poem
#OpenPoetry कहा तक ठहरेगी नजर कहा तक मेरा बसेरा है,
खामोश सी आंखों में सिर्फ तेरा ही तेरा चहरा है।

याद करता हूँ तुझे में अब हर रात ओर दिन
मेरे दिल की दीबारो पर तेरी ही यादो का पहरा है।

चाहता हु तुम्हे इतना बताऊ भी तो कैसे 
समुंदर भी तेरी यादों से बहुत कम गहरा है।

तस्बीर तेरी अक्सर आ जाती है आंखों के सामने मेरे ,
इतना खूबसूरत सा जो तेरा सुंदर चहरा है।

तू चाहे भुला दे मुझको कितनी ही दफा,
ये मेरा दिल आज भी तेरी यादो का चेला है।

बैठे बैठे खो जाता हूं ,तेरी उन प्यारी प्यारी बातो में,
जिन बातो का तेरी ,मेरे दिल मे बसेरा है।

धड़कती हुई दिल की धड़कने याद दिलाती है तेरी,
दिल की हर धड़कनो पर नाम जो आज भी तेरा है।

कहा तक ठहरेगी नजर कहा तक मेरा बसेरा है,
खामोश सी आंखों में सिर्फ तेरा ही तेरा चहरा है। deepanshu poem